THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHALISA LYRICSL

The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl

The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl

Blog Article

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। shiv chalisa in hindi मुण्डमाल तन छार लगाये॥

दानिन महँ तुम सम कोउ more info नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

* कृपया अपने किसी भी shiv chalisa lyricsl तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

Report this page